#Gazal Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps August 03, 2020 बड़ी शिद्दत से खुशियों को गले लगाए बैठा हूं,क्या बताऊं अब कैसे इस नादान दिल को समझाए बैठा हूं ,थोड़ी हकीकत,थोड़ा झुठ,थोड़ी सी नर्मी, थोड़ा सा गुरूरकुछ उलझे हुए अल्फ़ाज़ बैठा हूं,खैर ज्यादा कुछ कहने की ख्वाहिश भी नहीं है,बस तू लब्ज बने मेरे गजल की, एक आश लगाए बैठा हूं !! Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps Comments
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